IVF Cost in Hindi: क्या आप जानते हैं भारत में टेस्ट ट्यूब बेबी का असली खर्च? | IVF Treatment Cost in Hindi

सारांश : आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) निःसंतान दंपतियों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। पहले महंगा माना जाने वाला यह उपचार अब काफी किफायती हो गया है, जिससे विभिन्न आय वर्गों के लोग इसका लाभ उठा सकते हैं। इस लेख में हम भारत में, विशेषकर भोपाल में, आईवीएफ कॉस्ट इन हिंदी (IVF cost in Hindi) और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

मुख्य बातें (Highlights)

  • IVF cost in Hindi अब पहले से कहीं ज़्यादा किफायती है, जिसमें किस्तें (EMI) भरने का विकल्प भी उपलब्ध है।
  • IVF treatment cost in Hindi दो मुख्य भागों में बंटा है: जांचें और परामर्श, और इंजेक्शन व दवाएं।
  • भोपाल में फर्टिलिटीवर्ल्ड (Fertilityworld) जैसे केंद्र सेल्फ-साइकिल और डोनर-साइकिल आईवीएफ के लिए प्रतिस्पर्धी दरों की पेशकश करते हैं।
  • भारत में आईवीएफ की सफलता दर विकसित देशों की तुलना में काफी अच्छी है और लागत भी कम है।
IVF Cost in Hindi
IVF Cost in Hindi

भारत में आईवीएफ का खर्चा: संतान सुख का नया मार्ग ( IVF Cost in Hindi )

पिछले कुछ वर्षों में टेस्ट ट्यूब बेबी उपचार निःसंतान दंपतियों के लिए सबसे बड़ी उम्मीद बनकर सामने आया है। आज के समय के विपरीत, कुछ समय पहले कपल्स शादी के एक या दो वर्षों में फैमिली प्लानिंग कर लेते थे, लेकिन अब दंपतियों ने फैमिली प्लानिंग को सबसे अंत में स्थान दिया है। कपल्स सोचते हैं चार-पांच साल बाद कंसीव करेंगे, लेकिन समय कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता और उनकी कंसीव करने की उम्र निकल जाती है, जिसके बाद माता-पिता बनने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्राकृतिक रूप से गर्भधारण में विफल दंपतियों के लिए आईवीएफ सफल उपचार बनकर सामने आया है।

टेस्ट ट्यूब बेबी उपचार से दुनियाभर में ऐसे दंपती जो किसी कारण से प्राकृतिक गर्भधारण में विफल हो रहे हैं, उनके लिए आईवीएफ तकनीक संतान प्राप्ति का आसान जरिया बनकर सामने आई है। दुनियाभर में इससे लाखों कपल्स को संतान सुख मिल चुका है, लेकिन टेस्ट ट्यूब बेबी कॉस्ट को लेकर गलत धारणाओं के कारण कई कपल्स पीछे हट जाते हैं।

हर कपल जो टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट करवाना चाहता है, उसके मन में टेस्ट ट्यूब बेबी की कॉस्ट को लेकर सवाल रहता है। टेस्ट ट्यूब बेबी की एक साइकिल का खर्चा आज के समय में काफी किफायती हो गया है। टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्च तो कम हुआ ही है, साथ ही अब कपल्स इसके खर्च को किस्तों में भी भर सकते हैं।

अधूरी जानकारी और पूर्ण जानकारी के अभाव में अधिकतर दंपतियों को यह धारणा लगती है कि आईवीएफ यानी टेस्ट ट्यूब उपचार आज के समय में भी काफी महंगा है और इसके लिए बहुत ज्यादा फंड की व्यवस्था करनी पड़ती है। यह समझना जरूरी है कि समय के साथ आईवीएफ / टेस्ट ट्यूब बेबी में नई-नई तकनीकें आ गई हैं और इसकी दरों में काफी कमी आई है। आज के समय में हर इनकम ग्रुप के कपल टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट के खर्चे को अफोर्ड कर सकते हैं।


आईवीएफ प्रक्रिया को समझें और उसका खर्च (IVF Process Step by Step in Hindi)

सबसे पहले समझते हैं टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट का खर्चा कितने भागों में बंटा हुआ है। पूरी उपचार प्रक्रिया की कॉस्ट दो भागों में बांटी गई है।

टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट का पहला हिस्सा / चरण

आमतौर पर कपल्स जब अस्पताल में अपना इलाज शुरू करवाते हैं, इससे पहले जांचों का खर्च होता है। इसमें पति-पत्नी की जांचें की जाती हैं जिसमें निःसंतानता का कारण, आगे कैसे बढ़ना है, खर्चा कितना होगा, सफलता की संभावना और सेंटर पर कितनी बार विजिट आदि बातें बताई जाती हैं। इसके बाद टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया में डॉक्टर का और हॉस्पिटल का शुल्क, कंसल्टेशन, सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड), ओटी, एम्ब्रियोलॉजिस्ट और गाइनेकोलॉजिस्ट, आईवीएफ लैब, उपयोग में लिए जाने वाले मीडिया, वार्ड इत्यादि के खर्चे शामिल हैं।

गर्भधारण नहीं होने पर दंपती घबराए हुए होते हैं, ऐसे में उन्हें परामर्श की विशेष आवश्यकता होती है। परामर्श के दौरान कपल्स डॉक्टर को अपनी समस्या, पुरानी रिपोर्ट और पूर्व में किए गए इलाज के बारे में बातचीत करते हैं। मरीज की समस्या के अनुरूप डॉक्टर कपल्स की जांचें करवाते हैं ताकि समस्या के बारे में सटीक जानकारी मिल सके और उसे ध्यान में रखकर इलाज शुरू हो सके। प्रोसेस के दौरान मरीज को कई बार डॉक्टर से परामर्श, जांचों और विभिन्न चरणों के बारे में जानकारी के लिए मिलना होता है।

IVF Treatment Cost in Hindi

टेस्ट ट्यूब बेबी का दूसरा भाग (मुख्य खर्च)

आईवीएफ के पहले भाग में परामर्श और जांचों के बाद उपचार प्रक्रिया निर्धारित होने के बाद, दूसरे भाग में इंजेक्शन और दवाइयों का खर्चा होता है। इसमें महिला की ओवरी में सामान्य बनने वाले अंडों से अधिक संख्या में अंडे बनाने के लिए 10-12 दिन तक इंजेक्शन लगाए जाते हैं। ये दर्दरहित इंजेक्शन होते हैं। प्रक्रिया के दौरान अंडों के डेवलपमेंट को कुछ टेस्ट के माध्यम से देखा जाता है। अंडे परिपक्व होने के बाद इन्हें महिला के अंडाशय से निकाल कर आईवीएफ लैब में सुरक्षित रख दिया जाता है।

अंडों की प्राप्ति के बाद मेल पार्टनर से वीर्य का सैंपल लेकर अंडे को शुक्राणु से फर्टिलाइज करवाया जाता है। फर्टिलाइज्ड एग दो-तीन दिन तक लैब में डेवलप होता है, इसके बाद उसे महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है। कपल्स के लिए अपने भ्रूण फ्रीज करवाने का ऑप्शन भी आईवीएफ में उपलब्ध होता है, ताकि अगर भविष्य में गर्भधारण करने का मन होने पर पूरी आईवीएफ प्रक्रिया करवाने के बजाय सिर्फ एम्ब्रियो ट्रांसफर करवाने से गर्भधारण हो जाए।

टेस्ट ट्यूब बेबी उपचार में मुख्य खर्चा इंजेक्शन का होता है क्योंकि फर्टिलाइजेशन की प्रोसेस अंडों की क्वालिटी और उनकी संख्या पर निर्भर करती है। टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए अच्छे इंजेक्शन का उपयोग किया जाना चाहिए। मरीज को लगने वाले इंजेक्शन मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार हैं:

  • पहला – यूरिनरी: सामान्य प्रकार।
  • दूसरा – हाईली प्यूरीफाइड: बेहतर गुणवत्ता वाला।
  • तीसरा – रीकॉम्बीनेंट: आज के समय में ज्यादातर आईवीएफ सेंटर्स इसे प्राथमिकता देते हैं। यह इंजेक्शन अच्छे माने जाते हैं। इस इंजेक्शन को शरीर की जीन संरचना के अनुसार तैयार किया जाता है। रीकॉम्बीमेंट में कमी या विकार की संभावना बहुत ही कम होती है। इन इंजेक्शन का शरीर पर कोई दुष्प्रभाव पड़ने की संभावना कम रहती है और अंडाशय में बनने वाले एग्स की संख्या और गुणवत्ता भी श्रेष्ठ होने की संभावना होती है।

कुछ मामलों में इंजेक्शन के साथ दवाइयों की जरूरत भी हो सकती है। आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान दवाइयों की जरूरत होती है।


भारत में IVF की कुल लागत और कारक (IVF Treatment Me Kitna Kharcha Aayega)

भारत में आईवीएफ का खर्च प्रति चक्र लगभग 1.5 से 2 लाख रुपये के बीच होता है। इसमें आमतौर पर हार्मोनल दवाओं का खर्च, अंडाणु निकालने की प्रक्रिया, निषेचन और भ्रूण स्थानांतरण शामिल होते हैं।

आईवीएफ का खर्च किन कारकों पर निर्भर करता है?

  • उम्र (Age): महिला की उम्र बढ़ने के साथ आईवीएफ की सफलता दर कम हो सकती है, जिससे अधिक चक्र की आवश्यकता होती है और खर्च भी बढ़ता है।
  • स्वास्थ्य की स्थिति (Health Condition): कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण आईवीएफ के खर्च में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि इससे प्रक्रिया की जटिलता बढ़ जाती है।
  • क्लिनिक का स्थान और प्रतिष्ठा (Clinic Location & Reputation): बड़े शहरों और प्रसिद्ध क्लिनिकों में आईवीएफ का खर्च अधिक होता है।
  • उपयोग की जाने वाली तकनीक: कुछ उन्नत तकनीकें, जैसे ICSI (इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन), FET (फ्रोजन एम्ब्रियो ट्रांसफर), या LAH (लेजर-असिस्टेड हैचिंग), कुल IVF treatment cost को बढ़ा सकती हैं।
  • दवाओं के प्रकार और खुराक: उपयोग की जाने वाली हार्मोनल दवाओं की गुणवत्ता और मात्रा भी लागत को प्रभावित करती है।

भोपाल में आईवीएफ का खर्च (IVF Cost in Bhopal)

भोपाल में आईवीएफ उपचार की तलाश कर रहे दंपतियों के लिए, फर्टिलिटीवर्ल्ड (Fertilityworld) एक भरोसेमंद विकल्प है। फर्टिलिटीवर्ल्ड में सेल्फ-साइकिल आईवीएफ के लिए एक उचित आईवीएफ कॉस्ट इन भोपाल ₹1.50 लाख है, और डोनर-साइकिल आईवीएफ के लिए ₹2.20 लाख है। अपनी 25 साल की सेवाओं में, फर्टिलिटीवर्ल्ड ने भोपाल में 10000+ से अधिक निःसंतान मरीजों का इलाज किया है और आईवीएफ उपचार या अन्य निःसंतानता उपचारों के माध्यम से 5000+ से अधिक स्वस्थ बच्चों को जन्म देने में मदद की है।

फर्टिलिटीवर्ल्ड भोपाल में विभिन्न प्रकार के निःसंतानता उपचार और सेवाएं कम लागत पर प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें शामिल हैं:

  • कम आक्रामक अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (IUI)
  • इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) – सेल्फ और डोनर साइकिल दोनों।
  • उन्नत आईवीएफ उपचार – इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI)।
  • सबसे अच्छी लागत वाले सरोगेसी कार्यक्रम।
  • फ्रोजन एम्ब्रियो ट्रांसफर (FET),
  • लेजर-असिस्टेड हैचिंग (LAH),
  • सर्जिकल स्पर्म एस्पिरेशन (TESA/PESA/TESE),
  • सीमेन एनालिसिस टेस्टिंग,
  • डोनर असिस्टेंस (अंडा, शुक्राणु और भ्रूण),
  • गेमेट्स प्रिजर्वेशन (अंडा, शुक्राणु और भ्रूण)।
  • लेप्रोस्कोपिक और हिस्टेरोस्कोपिक सर्जरी, आदि।

भोपाल में आईवीएफ सफलता दर (IVF Success Rate in Bhopal)

आईवीएफ से पहले, भोपाल के आईवीएफ डॉक्टर्स द्वारा सुझाए गए प्रमुख बिंदुओं में से एक सफलता दर को समझना है। फर्टिलिटीवर्ल्ड आमतौर पर भारत में सबसे अधिक आईवीएफ सफलता दर प्राप्त करता है। भोपाल में, फर्टिलिटीवर्ल्ड सेल्फ-साइकिल आईवीएफ में 75% और डोनर-साइकिल आईवीएफ में 85% सफलता दर प्रदान करता है।

21-35 वर्ष की महिलाओं में उच्च और बेहतर आईवीएफ सफलता दर होती है क्योंकि उनके पास अच्छी गुणवत्ता वाले अंडे होते हैं, लेकिन जब महिलाएं 35 वर्ष पार करती हैं तो सफलता दर कम हो जाती है क्योंकि अंडों की गुणवत्ता कम होने लगती है। हालांकि, विशेषज्ञों की अतिरिक्त चिकित्सा सहायता से आईवीएफ संभव है।

भोपाल में आईवीएफ लागत तालिका (IVF Cost Table in Bhopal)

बांझपन उपचार (Infertility Treatments)लागत INR (Cost INR)दूसरा चक्र लागत (2nd cycle cost)
सेल्फ-साइकिल आईवीएफ उपचार (Self-cycle IVF treatments)150,00050,000
डोनर-साइकिल आईवीएफ उपचार (Donor-cycle IVF treatments)220,00050,000
एम्ब्रियो डोनेशन के साथ आईवीएफ (IVF with Embryo Donation)250,00050,000
फ्रोजन एम्ब्रियो ट्रांसफर (FET) (Frozen Embryo Transfer (FET))40,00010,000

भोपाल में आईवीएफ लागत भुगतान अनुसूची (IVF Cost Payment Schedule in Bhopal)

फर्टिलिटीवर्ल्ड ने सभी निःसंतान मरीजों के लिए आईवीएफ लागत का भुगतान विभिन्न चरणों में करने का सबसे कुशल तरीका बनाया है:

भुगतान ब्रेक-अप (Payment break-up)भुगतान अनुसूची (Payment Schedule)
पहला भुगतान (1st Payment)आईवीएफ पंजीकरण के समय (At the time of IVF registration)
दूसरा भुगतान (2nd Payment)अंडा पुनर्प्राप्ति के दौरान (During the egg retrieval)
तीसरा भुगतान (3rd Payment)भ्रूण निर्माण के समय (At the time of embryo creation)
चौथा और अंतिम भुगतान (4th and last payment)भ्रूण स्थानांतरण के बाद (After embryo transfer is done.)

भोपाल में IUI उपचार लागत (IUI treatment cost in Bhopal)

अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (IUI) या कृत्रिम गर्भाधान (AI) सभी निःसंतानता विशेषज्ञों द्वारा पहला निर्धारित निःसंतानता उपचार है क्योंकि IUI प्रक्रिया कम आक्रामक और उपचार का सबसे सरल रूप है। यदि आप निःसंतानता का इलाज करने का सबसे किफायती तरीका ढूंढ रहे हैं, तो यह उपचार अपनी संभावित सफलता दरों के साथ सबसे सुविधाजनक है।

फर्टिलिटीवर्ल्ड द्वारा भोपाल में IUI उपचार की कम लागत ₹8,000 से ₹20,000 के बीच है। IUI कम समय में किया जाता है और सामान्य या स्थानीय एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं होती है। IUI उपचार से संबंधित मुफ्त परामर्श के लिए फर्टिलिटीवर्ल्ड से संपर्क करें।

भोपाल में फ्रोजन एम्ब्रियो ट्रांसफर (FET) की लागत (Cost of Frozen Embryo Transfer (FET) in Bhopal)

FET, पिछली ICSI साइकिल से प्राप्त जमे हुए भ्रूण को गर्भाशय में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है। फ्रोजन एम्ब्रियो ट्रांसफर की कुल लागत आईवीएफ साइकिल की तुलना में कम होती है। फर्टिलिटीवर्ल्ड द्वारा भोपाल में FET की सबसे सस्ती लागत ₹40,000 है। इस समावेशी लागत में भ्रूण की तैयारी जैसे धुलाई, सांद्रता, भ्रूण विज्ञान प्रयोगशाला शुल्क, भ्रूण विज्ञानी शुल्क, आईवीएफ डॉक्टर शुल्क आदि शामिल हैं।

भोपाल में आईवीएफ इंजेक्शन की लागत (IVF injection cost in Bhopal)

सबसे प्रभावी आईवीएफ इंजेक्शन का उपयोग एक सुनिश्चित आईवीएफ सफलता दर प्रदान करता है। भोपाल में, फर्टिलिटीवर्ल्ड आईवीएफ उपचार के लिए आवश्यक दो सबसे प्रभावी आईवीएफ इंजेक्शन प्रदान करता है। एक स्टिमुलेशन आईवीएफ इंजेक्शन है और इंजेक्शन प्रक्रिया के साथ इसकी लागत ₹60,000 है। दूसरा सप्रेशन आईवीएफ इंजेक्शन है और इसकी लागत केवल ₹2,000 है। हालांकि, सप्रेशन इंजेक्शन सभी महिलाओं के लिए अनिवार्य नहीं है, बल्कि केवल उन लोगों के लिए है जिनकी डिम्बग्रंथि उत्तेजना अंडा पुनर्प्राप्ति के बाद भी बंद नहीं होती है।

भोपाल में अंडा फ्रीजिंग की लागत (Egg Freezing Cost in Bhopal)

फर्टिलिटीवर्ल्ड के पास भोपाल सहित पूरे भारत में सबसे अच्छा अंडा दाता बैंक है। फर्टिलिटीवर्ल्ड आईवीएफ सेंटर महिला के अंडे को मरीज की आवश्यकताओं के आधार पर ₹10,000/माह या ₹1.20 लाख/वर्ष की न्यूनतम पैकेज रेंज तक 15 साल तक फ्रीज भी करता है। सेंटर संरक्षण की बहुत अच्छी तकनीकों का उपयोग करता है ताकि आपके गेमेट्स कई सालों तक भी बहुत प्रभावी रहें।


क्या स्वास्थ्य बीमा IVF खर्च को कवर करती है? (IVF Cover in Insurance)

स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ और IVF

भारत में कुछ स्वास्थ्य बीमा कंपनियां आईवीएफ खर्च को कवर करने लगी हैं, लेकिन यह सभी योजनाओं में उपलब्ध नहीं है।

भारत में बीमा कंपनियों का योगदान

अधिकांश बीमा योजनाएं आईवीएफ का खर्च कवर नहीं करती हैं, लेकिन कुछ प्राइवेट बीमा योजनाएं इसका विकल्प देती हैं। आपको अपनी बीमा पॉलिसी की शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए या अपने बीमा प्रदाता से संपर्क करना चाहिए।


आईवीएफ में खर्च को कम कैसे किया जा सकता है? (Low Cost IVF in Hindi)

  • विभिन्न वित्तीय योजनाओं का लाभ उठाना: कई क्लिनिक आसान किस्तों और लोन विकल्पों के साथ वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, नीलकंठ आईवीएफ में 12-36 माह की आसान किस्तों (EMI) में इलाज उपलब्ध करवाते हैं, जिससे आप बिना किसी चिंता के आसानी से माता-पिता बनने के सपने को पूरा कर सकते हैं।
  • सरकारी योजनाओं और सब्सिडी की तलाश: कुछ राज्यों या केंद्र सरकारों द्वारा निःसंतानता उपचार के लिए विशेष योजनाएं या सब्सिडी दी जा सकती हैं, जिनके बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
  • प्रभावी परामर्श: शुरुआत में ही सही मार्गदर्शन और जांच से अनावश्यक खर्चों से बचा जा सकता है।

आईवीएफ के खर्च से संबंधित भ्रांतियाँ और सच्चाई

आईवीएफ के खर्च के बारे में कई भ्रांतियाँ हैं, जैसे कि “आईवीएफ केवल अमीरों के लिए है” या “आईवीएफ की प्रक्रिया हमेशा सफल होती है“। दरअसल, आईवीएफ का खर्च एक साधारण चिकित्सा प्रक्रिया से अधिक हो सकता है, लेकिन यह भी सच है कि आजकल कई किफायती विकल्प उपलब्ध हैं। यह भी जरूरी नहीं है कि आईवीएफ हर बार सफल हो; इसके कई चक्रों की आवश्यकता हो सकती है। इस प्रकार, सच्चाई यह है कि आईवीएफ का खर्च और सफलता दर दोनों व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति, उम्र, और अन्य कारकों पर निर्भर करते हैं।


आईवीएफ के खर्च की तुलना अन्य देशों से

दूसरे देशों की तुलना में भारत में आईवीएफ का खर्च काफी कम है। अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में आईवीएफ का खर्च 10 से 15 लाख रुपये तक हो सकता है। भारत में अपेक्षाकृत कम कीमत के कारण ही बहुत से विदेशी नागरिक भी यहां आईवीएफ का चयन करते हैं। हालांकि, सेवा की गुणवत्ता और सफलता दर को ध्यान में रखते हुए, भारत में आईवीएफ के लिए बेहतरीन सुविधाएं मिलती हैं।

फर्टिलिटीवर्ल्ड भारत में सबसे कम आईवीएफ कॉस्ट ₹1.50 लाख (सेल्फ-साइकिल) और ₹2.20 लाख (डोनर-साइकिल) के लिए प्रदान करता है और पिछले 25 वर्षों से इसे पूरे भारत में सबसे अच्छा और सबसे सफल आईवीएफ सेंटर माना जाता है।


आईवीएफ की प्रक्रिया में वित्तीय सहायता और लोन विकल्प (IVF Loan in Hindi)

आईवीएफ प्रक्रिया में खर्च कम करने के लिए कुछ क्लिनिक वित्तीय सहायता और आसान किस्तों के विकल्प प्रदान करते हैं। इसके अलावा, कुछ वित्तीय संस्थान आईवीएफ के लिए विशेष लोन योजना भी देते हैं। ये लोन सुविधाएं उन दंपत्तियों के लिए सहायक हो सकती हैं जो एकमुश्त खर्च वहन नहीं कर सकते। नीलकंठ आईवीएफ में 12-36 माह की आसान किश्तों (EMI) में इलाज उपलब्ध करवाते हैं, जिससे आप बिना किसी चिंता के आसानी से माता-पिता बनने के सपने को पूरा कर सकते हैं।


निष्कर्ष

आईवीएफ एक जटिल और महंगी प्रक्रिया है, लेकिन इसके माध्यम से माता-पिता बनने का सपना पूरा करना संभव है। आईवीएफ में लगने वाले खर्च कई कारकों पर निर्भर करते हैं, जिनमें स्वास्थ्य स्थिति, उम्र, क्लिनिक का स्थान और प्रक्रिया की तकनीक शामिल है। इसके अलावा, दवाओं, परीक्षणों और अन्य सहायक प्रक्रियाओं का भी खर्च होता है।

हालांकि, भारत में विभिन्न विकल्पों और लोन योजनाओं के चलते अब आईवीएफ अधिक सुलभ हो गया है। सही जानकारी और वित्तीय योजनाओं का लाभ उठाकर इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अपनाया जा सकता है। यदि आप भोपाल या आसपास के क्षेत्र में बेस्ट आईवीएफ सेंटर इन भोपाल की तलाश में हैं, तो फर्टिलिटीवर्ल्ड जैसे अनुभवी केंद्र आपकी मदद कर सकते हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. टेस्ट ट्यूब बेबी का क्या मतलब होता है?

टेस्ट ट्यूब बेबी का अर्थ होता है कि जो कपल्स प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रहे हैं उन्हें आधुनिक तकनीकों से गर्भधारण करवाना। टेस्ट ट्यूब बेबी में महिला के शरीर में बनने वाले भ्रूण को लैब में बनाया जाता है, लैब में बनने वाले भ्रूण में अंडा और स्पर्म कपल्स का ही उपयोग में लिया जाता है। यह आईवीएफ प्रोसेस स्टेप बाय स्टेप इन हिंदी का एक अभिन्न अंग है।

2. टेस्ट ट्यूब बेबी और आईवीएफ में क्या अंतर होता है?

आईवीएफ का पूरा नाम इन विट्रो फर्टिलाइजेशन है इसे आम बोलचाल में टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है। यानी दोनों में कोई अंतर नहीं है। आईवीएफ कहा जाए या टेस्ट ट्यूब बेबी, एक ही बात है। आईवीएफ कॉस्ट इन हिंदी की जानकारी दोनों के लिए समान होगी।

3. टेस्ट ट्यूब बेबी से बच्चे कैसे होते हैं?

टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया में महिला की फैलोपियन ट्यूब में होने वाली निषेचन की प्रक्रिया को लैब में किया जाता है। महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणु से बने भ्रूण को तीन-चार दिन बाद महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है।

4. टेस्ट ट्यूब बेबी में कितना टाइम लगता है?

टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया में भी महिला के अंडाशय में हर माह सामान्य रूप से बनने वाले अंडों की संख्या की तुलना में ज्यादा अंडे बनाने के लिए दवाइयां और इंजेक्शन दिए जाते हैं, ये प्रक्रिया लगभग 10-12 दिन तक चलती है। अंडे बनने और उसे निकाल कर लैब में रखने के बाद मेल पार्टनर से सीमन सैंपल लेकर लैब में निषेचन की प्रक्रिया की जाती है। पूरी टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया में कुल मिलाकर दो हफ्ते का समय लगता है।

5. क्या टेस्ट ट्यूब बेबी और नैचुरली कंसीव्ड बेबी में कोई अंतर है?

आमतौर पर लोगों में यह धारणा है कि टेस्ट ट्यूब बेबी और नैचुरली कंसीव्ड बच्चों में अंतर होता है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। टेस्ट ट्यूब बेबी भी प्राकृतिक गर्भधारण से जन्म लेने वाले बच्चों के समान ही होते हैं। टेस्ट ट्यूब बेबी में कोई कमजोरी या विकार नहीं होता है।


अस्वीकरण: हम एक सामग्री और जागरूकता मंच हैं, चिकित्सा केंद्र नहीं। प्रदान की गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे चिकित्सा सलाह नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी चिकित्सीय चिंता के लिए कृपया किसी योग्य स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से सलाह लें।

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